Short Motivational Story – किसान और ठग
नमस्ते दोस्तों, आप सब कैसे है, उम्मीद करती हूँ की आप सब अच्छे से होंगे, दोस्तों आज के इस ब्लॉग में आप सब के लिए एक शोर्ट स्टोरी लेकर आई हूँ, जिसे पढ़कर आपको काफी अच्छा लगेगा, अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगे तो आप इसे शेयर भी जरुर करेगा, ये कहानी है एक गरीब से किसान और ठग की है, कैसे एक गरीब किसान ने एक ठग को सबक सिखाया, तो फिर देर किस बात की चलिए शुरू करते है आज का ये ब्लॉग Short Motivational Story – किसान और ठग
एक गरीब किसान के पास एक छोटा-सा खेत और एक बैल था।॥ बड़े परिश्रम से उसने डेढ़ सौ रुपए इकट्ठे किए और एक और बैल पशु हाट से खरीदा। रास्ते में लौटते समय उसे चार लड़के मिले,| जिन्होंने उससे बैल खरीदना चाहा। किसान ने सोचा कि यदि डेढ़ सौ से अधिक मिल गए तो बेहतर बैल खरीदूंगा। उसने की कीमत लड़कों को दो सौ बताई। वे बोले, कीमत तो ज्यादा है। किसी समझदार व्यक्ति को पंच बनाकर फैसला करा लेते हैं
असल में ये चारों लड़के एक ठग पिता की संतान थे और उन्होंने अपने पिता को ही पंच बना दिया। पिता ने बैल की कीमत मात्र पचास रुपए तय की। वचन से बंधे किसान को बैल पचास रुपए में बेचना पड़ा, किंतु वह इस धोखे को समझ गया। बस फिर क्या था अगले ही दिन ये गरीब किसान सुंदर महिला के वेश में चारों ठग भाइयों से मिला। फिर उन्होंने विवाह की इच्छा व्यक्त की । तब वह किसान जो की एक सुन्दर महिला के वेश था वो उन चार भाइयों से बोला जो सबसे पहले मेरे लिए शानदार बनारस साड़ी, मथुरा के पेड़े और सहारनपुर के आम लाएगा, मैं उसी से शादी करूंगी। ये सब सुनते ही चारों ठग भाई शहर की ओर दौड़ पड़े ये सारा सामान लेने, तब इसका फायदा उठाया इस किसान ने
बस फिर क्या था ठग पिता को अकेले में किसान ने खुब ‘पीटा और अपना धन वापस ले लिया। चारों लड़के वापस तो पिता को बेहाल पाकर मन मसोसकर रह गए, क्योंकि किसान का पता तो जानते नहीं थे। अगले दिन किसान हकीम बनकर वृद्ध ठग की चोटों का उपचार करने पहुंचा और लड़कों को चार जड़ी-बूटी लाने भेज दिया। इस बार उसने ठग की पिटाई कर अपना बैल छुड़ा लिया चारों भाई लौटे तो पिता को और बदतर अवस्था में पाया। उन्होंने प्रण लिया कि कभी किसी के साथ ठगी नहीं करेंगे।
आपकी सोच बहुत सुंदर है