शरद ऋतु में मनाए जाने वाला नवरात्री पर्व हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह पर्व मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की आराधना का पावन अवसर है। आइए जानें इस पर्व के बारे में विस्तार से और शारदीय नवरात्री: नौ दिन नौ देवियां की पूजा और नवरात्री कैलेंडर की पूरी जानकारी
नवरात्री का महत्व
नवरात्री का अर्थ है ‘नौ रातें’। यह पर्व हिंदू कैलेंडर के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। प्रत्येक दिन एक विशेष देवी रूप को समर्पित होता है।
नौ दिन, नौ देवियां
पहला दिन – मां शैलपुत्री ( 03 अक्टूबर 2024 )
रूप: पर्वतराज हिमालय की पुत्री
वाहन: वृषभ (बैल)
महत्व: साधना का आरंभ, आत्मविश्वास का प्रतीक
दूसरा दिन – मां ब्रह्मचारिणी ( 4 अक्टूबर 2024 )
रूप: तपस्विनी
विशेषता: हाथों में जपमाला और कमंडल
महत्व: तप और त्याग का प्रतीक
तीसरा दिन – मां चंद्रघंटा ( 5 अक्टूबर 2024 )
रूप: दस भुजाओं वाली योद्धा
विशेषता: घंटे के आकार का चंद्रमा
महत्व: न्याय और शौर्य का प्रतीक
चौथा दिन – मां कुष्मांडा ( 6 अक्टूबर 2024 )
रूप: अष्टभुजा
विशेषता: सूर्य के समान तेजस्वी
महत्व: सृष्टि की आदिशक्ति
पांचवां दिन – मां स्कंदमाता ( 7 अक्टूबर 2024 )
रूप: कार्तिकेय की माता
वाहन: सिंह
महत्व: मातृत्व का प्रतीक
छठा दिन – मां कात्यायनी ( 8 अक्टूबर 2024 )
रूप: योद्धा रूप
विशेषता: चार भुजाएं, खड्ग धारण किए
महत्व: शक्ति और साहस का प्रतीक
सातवां दिन – मां कालरात्रि ( 9 अक्टूबर 2024 )
रूप: काली माता,
विशेषता: घोर काली कांति
महत्व: बुराई का विनाश
आठवां दिन – मां महागौरी ( 10 अक्टूबर 2024 )
रूप: श्वेत वस्त्रधारी
विशेषता: चार भुजाएं, शांत स्वरूप
महत्व: शुद्धता और शांति का प्रतीक
नौवां दिन – मां सिद्धिदात्री ( 11 अक्टूबर 2024 )
रूप: कमल पर विराजमान
विशेषता: अष्टसिद्धियों की दात्री
महत्व: समस्त सिद्धियों की प्राप्ति
दसवा दिन ( 12 अक्टूबर 2024 )
विजयदशमी (दशहरा)
नवरात्री के दौरान पूजा विधि
1. कलश स्थापना: पर्व का आरंभ कलश स्थापना से होता है
2. रोज की पूजा: प्रतिदिन संबंधित देवी की विशेष पूजा
3. उपवास: कई भक्त नौ दिनों तक उपवास रखते हैं
4. कन्या पूजन: नवमी को कन्या पूजन का विशेष महत्व
नवरात्री के पारंपरिक आयोजन
गरबा और डांडिया: गुजरात में लोकप्रिय नृत्य
दुर्गा पूजा: बंगाल में विशेष महत्व
रामलीला: उत्तर भारत में राम कथा का मंचन
बोम्माला कोलुवु: दक्षिण भारत में गुड़ियों की प्रदर्शनी
आध्यात्मिक महत्व
नवरात्री केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का अवसर भी है। नौ दिनों की साधना से:
आंतरिक शक्ति का विकास
नकारात्मकता का विनाश
सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति
आत्मज्ञान की प्राप्ति
समापन
शारदीय नवरात्री हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक अमूल्य हिस्सा है। यह पर्व हमें नारी शक्ति के महत्व का स्मरण कराता है और हमारे जीवन में संतुलन लाने की प्रेरणा देता है। आइए इस नवरात्री में हम सभी मां दुर्गा के आशीर्वाद के साथ एक नई ऊर्जा और उत्साह के साथ आगे बढ़ें।