Poem On Daughter- बेटी की विदाई पर एक सुन्दर कविता
नमस्कार दोस्तों, मैं रोज़ आपके भविष्य के लिए दुआ करती हूँ, ताकि आप सब लोग अपने जीवन में अच्छे ढंग से जीना शुरू कर दे, आज के इस ब्लॉग में आप सब के लिए Poem On Daughter- बेटी की विदाई पर एक सुन्दर कविता लेकर आयीं हूँ, जिसे पढ़कर आप शायद इमोशनल भी हो जाये, घर में जब बेटी पैदा होती है तो पुरे घर, आँगन को एक शानदार खुशबू की तरह महका कर रखती है, बेटियाँ तो ही है जो माँ पिता के हर दुःख में साथ खड़ी होती है, बेटियाँ जब बड़ी हो जाती है तो सबसे पहले माँ बाप के लिए उनको चिंता होती है की उन्हें किसी अच्छे से घर में ब्याह दिया जाए, लेकिन जब शादी के समय विदाई का समय आता है तो वो पल काफी भावुक हो जाते है माँ पिता के लिए, उस बेटी के लिए, बचपन से जिस घर में,जिस आँगन में बेटी को बड़ा किया अचानक से उस घर से उसकी विदाई, मन को बहुत दुखी करती है, इसलिए शायद ये बेटी की विदाई की कविता आपको झकझोर कर रख दे
बेटी की विदाई पर एक सुन्दर कविता
हुआ जब कन्यादान पूरा, फिर आया समय विदाई का
हँसी ख़ुशी सब काम हुआ था, फिर सारी रस्म अदाई का
अचानक बेटी के उस कातर स्वर ने,बाबुल को झकझोर दिया
वो पूछ रही थी पापा तुमने,क्या सचमुच में मुझे छोड़ दिया
मै रहती अपने आँगन की फुलवारी,मुझको सदा पल
मेरे रोने को पल भर भी,बिल्कुल नहीं सहा मन
क्या आपके इस आँगन के कोने में, मेरा कोई स्थान नहीं.
अब मेरे रोने का पापा,क्या आपको बिल्कुल ध्यान नहीं
देखो अन्तिम बार देहरी पर , सब लोग मुझे पुजवाते हैं
आकर के पापा क्यों इनको, आप क्यों नहीं धमकाते हैं
नहीं रोकते चाचा ताऊ, अब भैया से भी आस नहीं
ऐसी भी क्या हुआ है अब , की कोई आता पास नहीं
बेटी की ऐसी बातों को सुन के,पिता नहीं रह सका खड़ा
उमड़ पड़े आँखों से आँसू,बदहवास सा वो दौड़ पड़ा
कातर बछिया सी वह बेटी,लिपट पिता से रोती थी
जैसे यादों के अक्षर वह,आंसू बिंदु से धोती थी
माँ को लगा गोद से कोई,मानो सब कुछ छीन चला
फूल सभी घर की फुलवारी से कोई ज्यों बीन चला
छोटा भाई भी कोने में,बैठा बैठा सुबक रहा
उसको कौन करेगा चुप अब,वह कोने में दुबक रहा
बेटी के जाने पर घर ने,जाने कया क्या खोया है
कभी न रोने वाला बाप,फूट फूट कर रोया है
Beautiful Quotes on life – जिंदगी की खूबसूरत बातें
Dear mem….good morning thanks…you like writing ✍
Very nice good post