Parents और बच्चो के बीच में बेहतर रिश्ते बनाने के ये ख़ास टिप्स

Parents और बच्चो के बीच में बेहतर रिश्ते बनाने के ये ख़ास टिप्स

 

प्रिय माता – पिता पेरेंटिंग का जश्न मनाने के लिए मै आपका स्वागत करती हूँ आप भाग्यशाली हैं कि आपकी ज़िंदगी में अच्छे बच्चों ने जन्म लिया और आपको ये सब हक़ प्राप्त हुआ कि आप उनकी अच्छे तरीक़े से पेरेंटिंग कर पाए, इसलिए आज के इस ब्लॉग में आपके लिए लेकर आई हूँ Parents और बच्चो के बीच में बेहतर रिश्ते बनाने के ये ख़ास टिप्स

आज का विषय है कि हमें अपने बच्चों की तरफ़ सकारात्मक दृष्टिकोण रखना चाहिए, देखिये हमेशा मारपीट या ग़ुस्सा बच्चों के साथ ये वाला व्यवहार नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये उनके रचनात्मक दृष्टिकोण को रोक देगा और वो हमारे साथ खुलकर बात भी नहीं कर पाएंगे इसलिए हमें बच्चों के साथ ऐसा व्यवहार रखना है सकारात्मक नज़रिया रखना है कि बिना किसी लालच के कि हमारे बच्चे हमारे काम को मान पाए और उसके ऊपर अच्छे से बिहेव कर पाएँ

 

सकारात्मकता अपनाने का मतलब ये नहीं कि हम बच्चों को उससे उसका काम पूरा कराने के लिए कुछ उसको लालच दे ही दिया, उसको किसी टाफी चाकलेट का लालच दिया उसको फ़ोन का लालच दे दिया

 

सकारात्मक रूप से ही बच्चों को कैसे पाला जाए उसे कुछ टिप्स मैं आपको नीचे दे रही हूँ

 

कभी कभी बच्चों को और तरीक़ों से शाबाशी दे, बहुत शाबाशी देने वाले तरीक़े हैं उनको में नीचे लिख रही हूँ

 

1.)  जैसे ही बच्ची के साथ बच्चे ने काम अपना होमवर्क पूरा कर लिया हूँ तो आप नंबर बच्चे की पीठ भी पर शाबाशी दे

 

2)  दूसरों के सामने उसकी प्रशंसा करना

 

3)  उसकी पीठ पे थपथपाना

 

4)  छोटा बच्चा  है तो उसके हाथ पे हम स्टार बना सकते हैं

 

5)  अच्छा काम किया एक स्टार बहुत अच्छा काम किया तो दो स्टार इसी तरह से वो स्टार्स की संख्या बढ़ा सकते हैं

 

6)  हम उसकी गाल पे स्टार बना सकते हैं उसमें कल्प भर सकते हैं, जिससे हमारे बच्चे जो है मोटीवेट हो

 

जब जब हम सकारात्मक दृष्टिकोण अपनी ज़िंदगी में अपने बच्चों की तरफ़ अपनाएंगे तो वो हमेशा मोटीवेटेड भी रहेंगे,  उनकी ज़िंदगी में सकारात्मक दृष्टिकोण उनकी पूरी लाइफ़ टाइम के लिए एक कंडीशनिंग का काम करेगा जैसे हम अपने बालों में शैंपू करते हैं और उसके बाद हम उसके ऊपर कंडीशनिंग करती है ताकि हमारे जो बाल हैं वो ख़राब नहीं हो और बाहर के पल्यूशन से हमें बचाव मिलता है

 

तो इसी तरह से जब हम सकारात्मक दृष्टिकोण अपने बच्चों के साथ अपनाते हैं वो जो लीयर उनके ऊपर आती है वो एक कंडीशन वाली लहर आती है हम इसको इस तरीक़े से समझ सकते हैं

 

आपको ये टिप्स दिखने में छोटे लगें पर जब अपनी ज़िंदगी में इन्हें आप अपनाएंगे तो आप अपने अंदर भी एक आश्चर्यजनक बदलाव पाएंगे पल

 


 

पेरेंटिंग मे व्यवहार

 

 

आज का सुझाव: अपने उग्र व्यवहार पर क़ाबू पाएँ

 

आप जो चाहते हैं उस पर ध्यान दें। जब बच्चा गलत व्यवहार करता है, तो माता-पिता अक्सर बच्चे को यह बताकर तुरंत प्रतिक्रिया देते हैं कि व्यवहार में क्या गलत है। इस बात पर विचार करने के लिए कि आप किस व्यवहार को देखना चाहते हैं हम पहले ही उग्र रूप धारण कर लेते है और बच्चे को अपनी प्रतिक्रिया दे देते है, बच्चे को बताइए कि वो कहाँ ग़लत है और फिर बच्चे को ऐसा करने के लिए कहें।

 

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सबसे पहले अपने ग़ुस्से को शांत करना

यदि आप क्रोध, हताशा, भय, थकावट से भर गए हैं, तो यह सब आपके भावनात्मक रूप से उड़ाने के लिए बहुत आसान है, इसलिए पहले रोकें और स्वयं को शांत करें! फिर बच्चे से बात करे

 

उनकी भावनाओं की कद्र करें और समझे

हमारे रिश्तों को बनाए रखने का एक तरीका यह है कि हम दूसरे व्यक्ति के दृष्टिकोण का सम्मान करें, भले ही हम पूरी तरह से सहमत न हों।

 

बच्चों पर अनावश्यक दबाव न डालें

एक अच्छा अभिभावक अनावश्यक रूप से अपने बच्चों को उन चीजों में शामिल नहीं करता है जिनके बारे में बच्चों को चिंता नहीं करनी चाहिए। तो आप भी उन अपने बच्चे को बचपन मनाने दीजिए

आपका उग्र स्वभाव बच्चों को पालने में ही उचित नहीं, आइए आज से एक प्रण लें कि अनावश्यक रूप से बच्चों पर उग्रता नहीं दिखाएँगे

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