Parenting Tips बच्चो को कैसे करे Motivate
आज में बात करूँगी पेरेटिंग टिप्स की जिसमें जो माता पिता है वो बच्चे के साथ सहानुभूति कैसे और किन स्थितियों में रखेंगे
तो सर्वप्रथम जब हमारा बच्चा किसी ग़ुस्से या अन्य उलझे पहलू पर अपने अंदर एक संघर्ष कर रहा है तो हमें उसके स्थान पर रखकर उसके अंदर की भावनाओं को जानना ज़रूरी है कि अगर आज मैं बच्चा होता तो और मैं अपने अंदर संघर्ष करना होता किसी चीज़ को लेकर तो मुझे अपने माता पिता से किस तरह व्यवहार चाहिए होता है ताकि मैं उस परिस्थिति से निकल सकती तो कई बार हमें बच्चे से सहानुभूति रखनी पड़ेगी
बच्चो से सहानुभूति दिखाए
कई बार परिस्थितियां ऐसी आएंगी हमें ये मानकर चलना है कि हर बच्चा एक जैसा नहीं होता और हर बच्चे की अपनी अलग अलग योग्यता है हमारा बच्चा कई बार शारीरिक दृष्टिकोण से उतना फ़िट नहीं होता तो जब वो खेल कूद में जाता है तो उसके अंदर कई बार हीन भावना आ जाती है क्योंकि वो गेम को जीत नहीं पाता तो हमें उससे सहानुभूति रखनी पड़ेगी कोई बात नहीं तुम आज गेम जीता नहीं है पर तुमने कोशिश तो की
इसी तरह से हर बच्चे की अपनी पढ़ाई में भी एक योग्यता होती है एक बच्चा है जिसका मैथ बहुत अच्छा है पर मेरा बच्चा म्यूज़िक या साइंस में बहुत अच्छा है तो अगर मैथ में उसके नंबर नहीं आ रहा तो हमें उसकी कोशिश देखनी है कि वो कोशिश तो कर रहा है तो यहाँ पे भी हमारे अंदर उसके लिए सहानुभूति की भावना होनी चाहिए
माता पिता को गुस्से पर रखना होगा काबू
हमें ख़ुद को भी अपने ग़ुस्से पर क़ाबू पाकर अपने बच्चे की प्रगति पर ध्यान देना पड़ेगा तो वही हम अपने बच्चे को ज़िंदगी में आगे एक रास्ता दे पाएंगे अगर हम दूसरे बच्चों के साथ तुलनात्मक दृष्टिकोण अपनाएंगे और अपने अंदर ग़ुस्सा पैदा करते रहेंगे तो हम अपने बच्चे की प्रगति कभी भी नहीं देख पाएंगे क्योंकि इस समय पे उसको सहानुभूति की ज़रूरत है और वो सहानुभूति उसके साथ अपनाकर उसकी लाइफ़ को कैसे आगे बढ़ा सकते हैं बच्चे किस तरह से दूसरों का सम्मान करेंगे
बच्चो को सम्मान करना सिखाये
सर्वप्रथम हमें बच्चों के सामने अपना उदाहरण प्रस्तुत करना है क्योंकि हमारे घर में जितने भी लोग हैं अगर हम उनके साथ सम्मानपूर्वक पेश आ रहे हैं तो वो असर कहीं न कहीं हमारे बच्चों पर भी पड़ेगा कभी भी बच्चों के सामने असामान्य तरीक़े से बात न करें अगर पति पत्नी के बीच में कोई झगड़ा है भी तो वो उसे कोशिश करें बच्चे के सामने बहस न करें क्योंकि बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं
दूसरा कारण हो सकता है की हम सबसे बड़े सम्मान पूर्वक तरीक़े से बात कर रहे हैं और हमारा बच्चा वो तरीक़ा नहीं अपना रहा है तो हमें उसका कारण जानना पड़ेगा कि वो बाहर खेलने जा रहा है वो स्कूल में जा रहा है वो किस चीज़ से प्रभावित हो रहा है कि घर में बहुत अच्छा वातावरण है पर बच्चा उस वातावरण के हिसाब से घर में अपना व्यवहार नहीं रख पा तो वो हमें उन सब कारणों का अध्ययन करना पड़ेगा
हमें पता लगता है तो हमें बच्चे को बैठकर तरीक़े से समझाना पड़ेगा और वो किन बातों पर ग़ुस्सा होता है या नाराज़ होता है तो हमें वो सारे कारण जानने पड़ेंगे उन कारणों को दूर करने के प्रयास करने पड़ेंगे
आज ग़ुस्सा कर रहा है या प्यार से ही यह सम्मान से बात नहीं कर रहा तो उसके पीछे क्या कारण है क्या बच्चे के अंदर कोई मानसिक रूप से बदलाव आ रहा है या कोई हार्मोनल चेंज ही उसके अंदर हो रहे हैं तो उन सब बातों को ध्यान में रखते हुए हमें बच्चे के ऊपर काम करना है जब हम बच्चे को किसी भी तरीक़े का कोई भी उदाहरण दे रहे है या उसको समझा रहे है क्योंकि वो बच्चा है हमें उसकी लेवल पर आकर समझना होगा
ये नहीं कि एक बार हमने उसको बोला और वो समझेगा हो सकता है हमें उसको ही तरीक़े बताने के लिए कितनी बार मेहनत करनी पड़ेगी पर हमें मेहनत बच्चे के ऊपर करने से घबराना नहीं चाहिए क्योंकि वो बच्चा हमारा है और बच्चे के साथ हमें बड़े शांतिपूर्वक धैर्य के साथ ही पेश आना चाहिए तो ये था मेरा आज का यह टिप की बच्चों को सम्मान करना किस प्रकार सिखाये