Motivational Story In Hindi – नकरात्मक सोच
नमस्ते दोस्तों, आप सब का स्वागत है इस ब्लॉग में, आज का ये ब्लॉग सिर्फ आपको मोटीवेट करेगा और वो भी एक प्रेरणादायक कहानी के रूप में, ताकि आपको भी इससे सीख मिल सके, जीवन में आपको बहुत बार बोला जाता है की हमेशा सकरात्मक रहो, नेगेटिव लोगों से दूर रहो, क्यूंकि ये लोग कभी आपको आगे बढ़ने नहीं देंगे, आपको लाइफ में सफलता का दूर दूर से रिश्ता नहीं बन पायेगा, इसलिए आज Motivational Story In Hindi – नकरात्मक सोच लेकर आई हूँ
तो फिर देर किस बात की चलिए शुरू करते है एक अच्छी कहानी जिससे आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा, आपकी लाइफ में इसका एक सार्थक प्रभाव भी पड़ेगा
Motivational Story In Hindi
एक बार की बात है, एक जंगल में एक चील रहती थी, लेकिन ना जाने उस चील का अंडा पता नहीं किस तरह एक जंगली मुर्गी के घोंसले में चला गया और वहाँ वो बाकि अंडों के साथ जाकर आसानी के साथ मिल गया।
धीरे धीरे समय गुजरा और फिर कुछ समय के बाद वो अंडा फूटा जो गलती से जंगली मुर्गी के घोंसले में चला गया था। अब असली कहानी शुरू होती है जब चील का बच्चा अंडे से निकलने के बाद सिर्फ यह सोचता हुआ बड़ा हुआ कि वह मुर्गी का ही बच्चा है ।
अब वो चील का बच्चा उन्ही कामों को करता, जिन्हें मुर्गी करती थी। वह जमीन खोद कर अनाज के दाने चुगता और मुर्गी की तरह ही कुड़कुड़ाता। मतलब अब वो पूरी तरह से अपने आपको मुर्गी की फॅमिली का ही मानता था
वह कुछ फीट से अधिक उड़ान नहीं भरता था, क्योंकि मुर्गी भी ऐसा ही करती थी। एक दिन उसने आकाश में एक चील को बड़ी शान से उड़ते हुए देखा। उसने मुर्गी से पूछा, उस सुंदर चिड़िया का नाम क्या है ?
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मुर्गी ने जवाब दिया, वह चील है। वह एक शानदार चिड़िया है, लेकिन तुम उड़न नहीं भर सकते क्योंकि तुम तो मुर्गी हो। चील के बच्चे ने बिना सोचे-विचारे मुर्गी की बात मान लिया। वह मुर्गी को जिंदगी जीता हुआ ही मर गया। सोचने की क्षमता न होने के कारण वह अपनी विरासत को खो बैठा। उसका कितना बड़ा नुकसान हुआ।
वह जितने के लिए पैदा हुआ था, पर वह दिमागी रूप से हार के लिए तैयार हुआ था।
Moral Of The Story
हम जैसा सोचते है, वैसा करते है, वैसे ही बन जाते है, इसलिए अपनी सोच को अच्छा रखो और सकरात्मक रखो