Hindi Short Story – सुन्दरता के मायने

Hindi Short Story – सुन्दरता के मायने

नमस्कार दोस्तों, आप सब का स्वागत है एक बार से मेरे इस ब्लॉग में, पिछले कुछ दिनों से मै आपके लिए कुछ शानदार जीवन को प्रेरित करती कहानियां लेकर आ रही हूँ, उम्मीद करती हूँ आपको ये सब पसंद आ रही होंगी, देखिये इन कहानियों की वजह से हमें जीवन में कुछ ना कुछ नया सीखने को मिलता है, ऐसे में मेरी यही कोशिश रहेगी की मैं रोज आपके लिए कुछ ऐसे जीवन को प्रेरणा देने वाली कहानियों को लेकर आया करू ताकि हम सब कुछ अच्छा सीख सीखे 

तो आज के इस ब्लॉग में एक कहानी या फिर कहे एक लघुकथा लेकर आयीं हूँ जिसमे बात होगी सुन्दरता के मायने के बारे में, इंसान की लाइफ की यही विडम्बना है की उसे हर बार सुन्दर दिखना होता है, हमें लगता है की अगर हम सुन्दर नहीं दिखेगे तो लाइफ में हमारी वैल्यू नहीं होगी, कोई हमारे साथ ठीक तरह से व्यवहार नहीं करेगा, शायद यही वजह है की हम सब अपने आप को सुन्दर दिखाने के लिए कुछ भी कर सकते है, ये काले गौरे का भेद हम इंसानों ने किया है ना की किसी भगवान् ने, चलिए इसलिए आपके लिए ये कहानी लेकर आई हूँ

प्रेरणादायक कहानी – सुन्दरता के मायने 

एक बार की बात है की एक कौआ ये सोच कर काफी परेशान हो रहा था की सभी पंछियों के मुकाबले में सबसे ज्यादा काला हूँ, ना ही तो मेरी आवाज़ अच्छी है और ना ही मेरी पंख भी इतने सुंदर है, बस यही सब सोच की की मैं तो काला कलूटा हूँ, मैं खुबसूरत नहीं हूँ, कौआ काफी निराश हो गया, उसके अन्दर हीन भावना भरने लगी और इस वजह से वो काफी उदास रहने लगा

एक दिन उसकी ये दशा देखकर बगुले ने कौआ महाराज के पास जाकर उसकी उदासी का कारण पूछा की मैं पिछले काफी दिनों से तुम्हे देख रहा हूँ की तुम काफी उदास है आखिर इसके पीछे क्या कारण है, इस पर कौए ने कहा की देखो तुम कितने खुबसूरत हो, तुम्हारी पंख कितने सफ़ेद है और दूसरी तरफ मैं जो की पूरी तरह से काला हूँ, खूबसूरती तो मेरे आस पास भी नहीं है, इस बात के बाद बगुले ने जवाब दिया – नही तुम्हारा ये सोचना कितना गलत है, ऐसे तो मैं तोते को देखता हूँ, उसकी पंख कितने शानदार है हरे रंग के, लेकिन वो मेरे पास नहीं है तो क्या मैं उसे देखकर खुद को निराश कर लूँ 

इसके बाद कौए के अन्दर सुन्दरता के मायने जानने की उत्सुकता और भी ज्यादा बढ़ गयी और वो फिर तोते के पास जाकर उसकी सुन्दरता का राज पूछने चला गया लेकिन तोते ने कहा की मैं खुबसूरत कहाँ हूँ, मेरे से ज्यादा तो खुबसूरत तो मोर होता है, कौए को और भी ज्यादा बेचैनी होने लगी और फिर वो जंगल में मोर को ढूंढने में लग गया लेकिन पुरे जंगल में उसे मोर कही नहीं मिला, फिर जंगल के पक्षियों ने बताया की सारे मोरों को तो चिड़ियाघर वाले पकड़ कर ले गए है 

कौए ने फिर चिड़ियाघर की तरफ मुख किया और वहाँ जाकर देखा की मोर तो पिंजरे में बंद है, और फिर कौए ने मोर से उसकी सुन्दरता की बात की तो मोर ने कहा की कौए महाराज, ये सुन्दरता की वजह से ही हम आज पिंजरे में कैद है, हमसे अच्छे तो तुम हो जो की आजादी से घूम रहे खुले आसमान में, तुम अपनी मर्जी से इथर उधर जा सकते हो लेकिन हम अब ऐसा नहीं कर सकते, हमारी सुन्दरता की वजह से हम कैद है

इसके बाद कौए की आँख खुली की ये तो भगवान् की सरचना है, सुन्दरता के फायदे होने के साथ बहुत बड़े नुक्सान है, हमें जो शरीर मिला है, जो रंग रूप मिला है हमें इसमें खुश रहना चाहिए

 

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