दिवाली, भारत के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह त्योहार हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है और इसे ‘प्रकाश का त्योहार’ के रूप में जाना जाता है। दिवाली का त्योहार पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है और यह हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध धर्मों में महत्वपूर्ण है। दिवाली है भारतीय त्योहारों का राजा और जाने इतिहास और महत्व
दिवाली का इतिहास और महत्व
दिवाली त्योहार की शुरुआत बहुत पुरानी है और इसकी कई कथाएं और पौराणिक कहानियां हैं। सबसे प्रसिद्ध कहानी ‘श्रीराम का वनवास से लौटना’ है। इस कहानी के अनुसार, भगवान श्रीराम को 14 वर्षों के वनवास से लौटते हुए भगवान विष्णु के अवतार माना जाता है और इसलिए उनके स्वागत में दीपक जलाए जाते हैं।
दिवाली का त्योहार पूरे पांच दिनों तक चलता है। इसमें दीपावली या दीपोत्सव, भैया दूज, गोवर्धन पूजा और छठ पूजा शामिल हैं। दीपावली के दिन, लोग अपने घरों को सजाते हैं, दीपक जलाते हैं, मिठाइयां बनाते हैं और एक-दूसरे को गिफ्ट देते हैं। यह त्योहार खुशी, समृद्धि और नए आरंभ का प्रतीक है।
दिवाली की परंपराएं और रीतियां
दिवाली का त्योहार बहुत साल पुराना है और इसकी कई परंपराएं और रीतियां हैं। इनमें से कुछ प्रमुख हैं:
1. दीपक जलाना: दीपक जलाना दिवाली का सबसे महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध रीति है। लोग अपने घरों और आसपास के क्षेत्रों में दीपक जलाते हैं। यह प्रकाश का त्योहार होने का प्रतीक है।
2. स्वच्छता और सफाई: दिवाली के पहले दिन, लोग अपने घरों और आसपास के क्षेत्रों की सफाई करते हैं। यह नए आरंभ और खुशहाली का संकेत है।
3. मिठाइयों का आदान-प्रदान: लोग एक-दूसरे को मिठाइयां और गिफ्ट देते हैं। यह प्रेम, स्नेह और एकता का प्रतीक है।
4. पूजा और आराधना: दिवाली के दिन, लोग देवी-देवताओं की पूजा और आराधना करते हैं। यह आध्यात्मिक और धार्मिक पहलू है।
5. जमकर पटाखे फोड़ना: दिवाली पर पटाखे फोड़ना भी एक प्रसिद्ध परंपरा है। यह खुशी और उत्साह का प्रदर्शन है।
दिवाली का त्योहार न केवल भारत में, बल्कि विश्वभर में भारतीय समुदाय द्वारा बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह हमारी संस्कृति और परंपराओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।