छठ पूजा: सूर्यदेव की आराधना का महापर्व

छठ पूजा भारत का एक प्राचीन और पवित्र त्योहार है, जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्र में मनाया जाता है। यह सूर्य देव और छठी माता की आराधना का पर्व है, जो कार्तिक महीने में मनाया जाता है। छठ पूजा: सूर्यदेव की आराधना का महापर्व इस बार

छठ पूजा ऐतिहासिक महत्व

छठ पूजा की परंपरा का इतिहास वैदिक काल तक जाता है। कहा जाता है कि भगवान राम और माता सीता ने अयोध्या लौटने के बाद छठ पूजा की थी। महाभारत में भी कर्ण द्वारा छठ पूजा करने का उल्लेख मिलता है।

छठ पूजा विधि और महत्व

छठ पूजा चार दिनों तक चलने वाला पर्व है:

पहला दिन – नहाय खाय

स्नान और शुद्धिकरण
घर की सफाई
सात्विक भोजन की तैयारी

दूसरा दिन – खरना

दिनभर का उपवास
सांय काल में गुड़ की खीर का प्रसाद
रात्रि में भोजन

तीसरा दिन – संध्या अर्घ्य

निर्जला उपवास
सूर्यास्त के समय अर्घ्य
रात्रि जागरण
लोक गीतों का गायन

चौथा दिन – उषा अर्घ्य

सूर्योदय के समय अर्घ्य
व्रत का पारण
आशीर्वाद और प्रसाद वितरण

पूजा सामग्री

– ठेकुआ
– सूप
– दीया
– बाँस की टोकरी
– केला
– नारियल
– फल
– फूल

छठ पूजा का सामाजिक महत्व

1. पारिवारिक एकता: पूरा परिवार मिलकर तैयारियों में जुटता है

2. प्रकृति से जुड़ाव: सूर्य और जल के प्रति कृतज्ञता

3. स्वच्छता का संदेश: घर और आसपास की सफाई पर विशेष ध्यान

4. सामाजिक समरसता: सभी जाति और वर्ग के लोग एक साथ मनाते हैं

पर्यावरण संरक्षण का संदेश

छठ पूजा प्रकृति के प्रति सम्मान का संदेश देती है:
जल संरक्षण
सूर्य ऊर्जा का महत्व
प्राकृतिक संसाधनों का सम्मान
पर्यावरण की शुद्धता

छठ पूजा के लोक गीत

छठ पूजा के दौरान गाए जाने वाले पारंपरिक गीत भक्ति और श्रद्धा से भरे होते हैं। कुछ प्रमुख गीत हैं:
– “हे छठी मैया”
– “केतना मोहनिया होइहें छठी माई के बरतिया”
– “पहिले पहिल हम छठी माई के बरती”

आधुनिक समय में छठ पूजा

आज छठ पूजा का महत्व बढ़ता जा रहा है:
– शहरों में भी बड़े पैमाने पर आयोजन
– युवा पीढ़ी की बढ़ती रुचि
– पर्यावरण के प्रति जागरूकता
– सामाजिक एकता का प्रतीक

निष्कर्ष

छठ पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि जीवन के प्रति समग्र दृष्टिकोण है। यह प्रकृति, परिवार और समाज के प्रति हमारे कर्तव्यों का स्मरण कराती है। यह त्योहार हमें सिखाता है कि कैसे आधुनिक जीवन में भी पारंपरिक मूल्यों और प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाया जा सकता है।

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