Best Motivational Story In Hindi – संतुष्टि का असली महत्व
नमस्कार दोस्तों, आप सब का तहे दिल से स्वागत करती हूँ इस ब्लॉग में, आज के इस ब्लॉग Best Motivational Story In Hindi – संतुष्टि का असली महत्व, ऐसी कहानी जो आपको मोटीवेट कर देगी, ये शानदार कहानी, शानदार लघुकथा जीवन के लिए काफी बढ़िया साबित होती है, देखिये हमारा बचपन था तो समय ये कहानिया हमारी लाइफ में काफी महत्व रखती थी, और ऐसा नहीं है की आज के इस जीवन में भी इनका महत्व कम हुआ हो तभी तो आप सब के लिए ये शानदार कहानी लेकर आई हूँ, जो आपको काफी अच्छी लगेगी और आपके जीवन को टच कर लेगी काफी आसानी से, तो फिर देर किस बात की, शुरू करते है ये शानदार लघुकथा जो काफी बढ़िया है
दोस्तों एक बार की बात है की एक लगभग 17-18 साल का जवान बच्चा अपने घर के पास बसी एक दुकान के अन्दर गया और फिर वो दुकानदार से बोला – अंकल जी, मै क्या एक फोन कर सकता हूँ, दुकानदार ने बच्चे को देखकर हाँ कर दी , तो वह बच्चा फोन के पास गया और फिर उसने एक नंबर डायल किया, तभी उधर से एक महिला की आवाज आई, ये देखकर और सुनकर दुकानदार भी ध्यान से उस बच्चे की बात सुनने लगा।
इसके बाद बच्चे ने अपनी बात शुरू की और फोन पे उस महिला से बात करने लगा की मुझे पता चला है कि आप अपने बगीचे की देखभाल के लिए कोई आदमी दूंढ् रही, मै भी आपके बगीचे में काम करना चाहता हूँ, क्या आप मुझे इस नौकरी के लिए रख सकती है, मुझे से सब काम आता है और बड़े अच्छे तरीके से ये काम भी करूँगा
ये सब बात सुनकर महिला ने जवाब दिया की अभी मैंने कुछ समय पहले एक लड़के को रख लिया है और अब मुझे किसी भी नए आदमी की कोई जरूरत नही है । इस पर बच्चे ने फिर से कहा की आप मुझे एक मौका दें तो, देखिये मै उस लड़के को दी जाने वाली तनख्वाह से आधी तनख्वाह पर काम कर सकता हूँ। महिला ने कुछ देर सोचते हुए कहा की मै लड़के के काम से बहुत संतुष्ट है इसलिए मै अब कोई आदमी बदलना नहीं चाहती। बच्चे ने फिर फ़ोन में उस महिला को दोबारा कहा की मैं उसी वेतन में आपके बगीचे के चारों तरफ के रास्ते को भी साफ किया करूंगा। इस पर महिला ने फिर उत्तर दिया कीनहीं मुझे नया आदमी नहीं चाहिए, आपका बहुत बहुत धन्यवाद। बस इतना कहकर फिर फ़ोन रख दिया।
लेकिन कॉल खत्म होते ही बच्चे के चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कराहट थी लेकिन इसके बाद दुकानदार को उस बच्चे पर जैसे दया सी आयी तो इके बाद दुकानदार ने कहा- बच्चे में तुम्हारी बात ध्यान से सुन रहा, मै तुमसे और तुम्हारी बातों से बहुत प्रभावित हुआ। तुम्हें काम की तलाश है और मुझे तुम्हारे जैसे आदमी की ही तलाश थी, मै तुम्हे अपनी दूकान पर काम देता हूँ, और मैं तुम्हे अच्छी सैलरी भी दूंगा, बोलो मेरे साथ मेरी दूकान पर काम करोगे
इस पर बच्चे ने जवाब देते हुए दूकानदार से कहा की नहीं अंकल जी, मुझे ये जॉब नहीं चाहिए क्यूंकि मैं ही वह लड़का हूँ, जो उस महिला के यहाँ काम करता है , मै तो सिर्फ ये यह देखना चाहता था कि क्या वह मेरे काम से संतुष्ट है या नहीं, पर मुझे यह जान कर बहुत प्रसन्नता हो रही कि वह मैडम मेरा काम पसंद रही है, बस फिर क्या था बच्चे की बात सुन कर दुकानदार भी दंग रह गया
तो दोस्तों आपको ये कहानी कैसे लगी, अपना फीडबैक जरुर दे ताकि हमें आगे भी प्रेरणा मिलती रहे आपके सम्मुख और भी अच्छी अच्छी कहानिया लेकर आने की
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