अक्षय तृतीया हिंदू और जैन धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन किए गए शुभ कार्यों का फल अक्षय (कभी न समाप्त होने वाला) माना जाता है। यह वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा की स्थिति विशेष रूप से शुभ मानी जाती है, जिससे यह दिन अनेक शुभ कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन शुभ कार्य और उनके फल
अक्षय तृतीया का महत्व
अक्षय तृतीया को ‘अखा तीज‘ के नाम से भी जाना जाता है। ‘अक्षय’ शब्द का अर्थ है “जो कभी नष्ट न हो” या “अविनाशी”। इस दिन किए गए दान, पुण्य और शुभ कार्यों का फल कभी समाप्त नहीं होता, बल्कि निरंतर बढ़ता रहता है।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था, जो विष्णु के छठे अवतार माने जाते हैं। इसी दिन सतयुग की शुरुआत हुई थी और भगवान कुबेर को धन का देवता बनाया गया था। जैन धर्म में, इस दिन प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव ने अपना पहला आहार (इक्षुरस) ग्रहण किया था।
अक्षय तृतीया पर शुभ कार्य और उनके फल
1. स्वर्ण खरीद और दान
शुभ कार्य: अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदना सबसे शुभ माना जाता है। इस दिन खरीदा गया सोना समृद्धि और सौभाग्य लाता है।
फल: इससे घर में धन-संपत्ति की वृद्धि होती है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। यह निवेश आपको भविष्य में कई गुना लाभ देता है।
2. दान-पुण्य
शुभ कार्य: इस दिन अन्न, वस्त्र, जल और धन का दान करना विशेष फलदायी होता है।
फल: दान-पुण्य से पाप कटते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है और परिवार में शांति बनी रहती है।
3. पूजा-अर्चना
शुभ कार्य: भगवान विष्णु, लक्ष्मी, कुबेर और गणेश जी की पूजा-अर्चना करना।
फल: इससे व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि, आरोग्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु की कृपा से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
4. नया कार्य आरंभ करना
शुभ कार्य: नया व्यापार शुरू करना, घर की नींव रखना, गृह प्रवेश करना, नौकरी शुरू करना आदि।
फल: अक्षय तृतीया के दिन शुरू किया गया कोई भी नया कार्य निरंतर प्रगति करता है और अक्षय फल देता है।
5. विवाह और सगाई
शुभ कार्य: इस दिन विवाह या सगाई करना शुभ माना जाता है।
फल: इस दिन किया गया विवाह या सगाई दंपति के जीवन में स्थायी सुख और प्रेम लाता है। रिश्ते में मधुरता और समझदारी बनी रहती है।
6. तीर्थ यात्रा
शुभ कार्य: अक्षय तृतीया के दिन किसी तीर्थ स्थान की यात्रा करना या गंगा स्नान करना।
फल: तीर्थ यात्रा से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। इससे आध्यात्मिक उन्नति होती है और मन में शांति मिलती है।
7. तुलसी विवाह
शुभ कार्य: तुलसी के पौधे का रोपण करना और उसकी पूजा करना।
फल: तुलसी का रोपण करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
8. चारधाम यात्रा की शुरुआत
शुभ कार्य: चारधाम यात्रा (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री) की शुरुआत करना।
फल: इससे आध्यात्मिक उन्नति होती है और जीवन में शांति एवं समृद्धि आती है।
9. घट स्थापना
शुभ कार्य: घर में कलश या घट की स्थापना करके उसकी पूजा करना।
फल: इससे घर में समृद्धि और सौभाग्य आता है, और परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
10. अन्नकूट महोत्सव
शुभ कार्य: अन्नकूट महोत्सव मनाना और भगवान को भोग लगाना।
फल: इससे अन्न की कमी दूर होती है और घर में समृद्धि आती है। भगवान की कृपा से परिवार में कभी अन्न का अभाव नहीं होता।
अक्षय तृतीया पर विशेष उपाय
- गन्ने के रस का दान: गन्ने का रस या गुड़ का दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
- जल कलश दान: जल से भरे कलश का दान करने से जल संकट से मुक्ति मिलती है और वर्षा अच्छी होती है।
- चंदन का लेप: भगवान विष्णु को चंदन का लेप अर्पित करने से स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्राप्ति होती है।
- गरीबों को भोजन: गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराने से अन्नपूर्णा माता की कृपा प्राप्त होती है।
- पीपल के पेड़ की पूजा: पीपल के पेड़ की पूजा करने और उसके नीचे जल चढ़ाने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
निष्कर्ष
अक्षय तृतीया एक ऐसा पावन अवसर है जिस दिन किए गए शुभ कार्य अक्षय फल देते हैं। इस दिन दान-पुण्य, पूजा-अर्चना, नए कार्यों की शुरुआत, विवाह आदि शुभ कार्य करके हम अपने जीवन में सुख-समृद्धि, आरोग्य और सौभाग्य पा सकते हैं। यह दिन आध्यात्मिक उन्नति और भौतिक समृद्धि दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। अक्षय तृतीया के अवसर पर हमें अपने संकल्पों को मजबूत करना चाहिए और अच्छे कर्मों का बीज बोना चाहिए, जिससे हमारा जीवन निरंतर प्रगति और सफलता के पथ पर अग्रसर हो।