After Marriage Problems 5 Reasons ससुराल में शादी के बाद क्यों लड़कियां रहना नहीं चाहती

After Marriage Problems 5 Reasons ससुराल में शादी के बाद क्यों लड़कियां रहना नहीं चाहती

 

शादी एक ऐसा अनोखा बंधन है जहां सिर्फ लड़का लड़की ही नहीं मिलते दो परिवारों का मिलन भी होता है परंतु लड़की को शादी से पहले ही मन में बहुत सारा डर बिठा दिया जाता है कि तुझे ससुराल में जाकर यह काम नहीं करना ससुराल में तुझे पता लगेगा जब तेरी सास तुझे ऐसे डालेगी तू मायके में ऐसे कपड़े पहन रही है ससुराल जाकर तुझे पता लगेगा जब तेरे ऊपर रोक लगेगी तो यहां देर से उठती है वहां देर से तुझे कोई उठने नहीं देगा तो ससुराल के नाम से ही लड़कियों को डरा दिया जाता है और वह डर जाने अनजाने में कहीं ना कहीं लड़कियों के मन में बैठ जाता है

 

इसी तरह से सास को भी लोग डराना शुरू कर देते हैं कि अभी तक अपने मन की कर ली अब बहू आएगी तो पता लगेगा उसके साथ जब तू एडजस्ट करेगी तो समझ में आएगा अब तेरा सिंहासन छिन जाएगा या इस तरह की बातें भी बोली जाती हैं कि आते ही बहू को काबू में कर लेना नहीं तो वह तेरे बेटे को द छीन कर ले जाएगी अपने घर का सिस्टम एकदम से बहू के हाथ में मत दे देना बहू को काबू में रखना उसका यह सामान अपने पास रखना उसका वह सामान अपने पास रखना मायके ज्यादा मत जाने देना

 

तो दोनों तरफ शादी होने से पहले पूर्वाग्रह इतने मन में बैठ जाते हैं कि ना चाहते हुए भी कई बार छोटी सी बात का बतंगड़ बन जाता है और एडजेस्टमेंट नहीं हो पाती मैं वो पांच कारण आपको बताने जा रही हूं जिसकी वजह से महिलाएं शादी के बाद ससुराल वालों के साथ रहना पसंद नहीं करती

 

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1) परिवारिक माहौल का अलग होना

 

 जब एक लड़की शादी होकर ससुराल में जाती है तो उसके मन में बहुत सारे अरमान होते हैं उसे यह लगता है कि ससुराल जाकर वह पति की रानी बनकर रहेगी और अपने तरीके से जिंदगी जिएगी पर उसके विपरीत होता है क्योंकि जिस घर से लड़की 26-27 साल बिता कर आई है उस घर का माहौल अलग था और यहां जिस घर में आ रही है उस घर का माहौल अलग होता है तो कई बार तो बहू उस माहौल में ढल जाती है पर कई बार ढलने में बहुत वक्त लग जाता है तो जब वह उस माहौल में अपने आप को नहीं ढाल पाती  तो लड़ाई झगड़े होने शुरू हो जाते हैं

 

 

 

2) काम के पीछे और सुबह उठने के पीछे झगड़ा होना

 

आजकल अधिकतर लड़कियां पढ़ाई में इतना व्यस्त रहती हैं और मायके में भी देर से सो कर उठने की आदत होती है तो जब ससुराल में इस तरह की पाबंदी लगती है कि भैया सुबह टाइम पर उठना पड़ेगा या जब मायके में होती है और नौकरी कर रही होती है तो मां जाते-जाते भी नाश्ते का टिफिन पकड़ा देती है और यहां ससुराल में तो सबके लिए टिफिन बनाना पड़ता है तो लड़की को दिक्कत आती है कि भैया मैं यहां आकर किस चक्कर में फस गई और शादी से पहले क्योंकि काम किया नहीं होता तो वह भी एक बहुत बड़ा कारण होता है कि वह ससुराल में सब के साथ नहीं रहना चाहती

 

 

 

3) जेठानी और नंद का ससुराल में साथ रहना

 

 

लड़की जब शादी होकर जाती है तो कई बार उसके जेठ जेठानी भी उसी परिवार में साथ रह रहे होते हैं और अविवाहित नंद भी उसी परिवार में रह रही होती है तो कई बार ना चाहते हुए भी परिवार में तुलना हो जाती है अब क्योंकि हर व्यक्ति अपने एक परिवार से आया है एक कुछ आदतें सीख कर आया है नए परिवार ने परिवेश में डालते समय लगता है पर जब तुलना एक व्यक्ति की दूसरे व्यक्ति से की जाती है तो कुछ समय तक तो नहीं आई लड़की बर्दाश्त करती है पर उसके बाद उसको वह बातें करने लग जाती हैं और जब बातें सिर के ऊपर से गुजरती है तो वह साथ रहना पसंद नहीं करती

 

 

 

4) पति-पत्नी को परिवार की वजह से आपस में समय ना मिल पाना

 

मैरिज चाहे किसी भी रूप में हो जो चाहे वह अरेंज हुई हो चाहे लव मैरिज जो माता-पिता यह सोच लेते हैं कि हनीमून बना कर आ गए अब इसके बाद शायद इनको वक्त की जरूरत नहीं है और हनीमून सिर्फ कपल्स को समझने के लिए टाइम पूरा नहीं होता तो परिवारिक जिम्मेदारियां निभाने में ही नया जोड़ो को इतना बिजी कर दिया जाता है कि उन्हें आपस में टाइम स्पेंड करने का मौका नहीं मिलता और यह स्थिति पत्नी के लिए बहुत भारी हो जाती है क्योंकि वह अपना परिवार छोड़कर दूसरे परिवार में आई और अगर पति भी उसको टाइम नहीं देगा उसके लिए वहां उस परिवार में रहना मुश्किल हो जाता है यहां अगर वह बाजार जा रहे हैं या मूवी देखने जा रहे हैं तो वहां पर भी परिवार के सदस्य साथ चल पड़ते हैं इसकी वजह से ने जोड़े को जब वक्त नहीं मिलता तो वह दुखी होना शुरू हो जाते हैं

 

 

5) परिवारिक परंपराओं का ना मिलना

 

कई बार घर में सिर्फ इसी बात को लेकर लड़ाई झगड़ा होता रहता है कि हमारे घर में इस तरह के रीति रिवाज है तुम्हारे घर में इस तरह के रीति रिवाज और तुम्हारी मां ने तुमको यह नहीं सिखा कर भेजा ससुराल में किस तरह रहते हैं तो वह इस तरह के कई बार जताना कशी अच्छी टाकशी की चीजें होती हैं वह रिश्तो को बिगाड़ देती हैं आपस में एडजस्टमेंट नहीं हो पाती क्योंकि जब बहू को एक कर्फ्यू वाले माहौल में रखा जाता है तो कर्फ्यू वाले माहौल में कोई भी लड़की जाकर खुश नहीं रहती है अगर बेटा ऑफिस से लेट आ रहा है तो वह ऑफिस में परिवार के लिए काम कर रहा था अगर बहू ऑफिस लेट आ रही है तो उसको ताने सुनने पड़ते हैं कि ऐसा ऑफिस में क्या काम आ गया जो तुझे देर तक काम करना पड़ा तो इस तरह की स्थितियों में कई बार लड़कियों को एडजस्ट करना मुश्किल हो जाता है और वह अलग परिवार की मांग करती है

 

घर परिवार को बनाना कोई बच्चों का खेल नहीं है इसमें बहुत संयम और सहनशीलता की जरूरत होती है अगर लड़की के माता-पिता लड़की को शुरू से ठीक शिक्षा देकर भेजें तो ससुराल में भी ठीक तरीके से एडजस्टमेंट हो सकती है और ससुराल वालों को भी यह समझना पड़ेगा कि जो लड़की 26-27 साल घर में बिताकर आई है उसको अपने माहौल में डालने के लिए उसे प्यार देना पड़ेगा अपना समर्पण देना पड़ेगा तभी परिवार जुड़कर रहेंगे नहीं तो रोज क्लेश रहेंगे और उसमें सबसे ज्यादा दुखी लड़का होता है क्योंकि ना तो वह अपने माता पिता को कुछ कह सकता है ना वह अपनी पत्नी को कुछ कह सकता है इसलिए परिवार जोड़ने की जिम्मेवारी दोनों पक्षों की है क्योंकि बहू की उम्र छोटी होती है उसे बच्चे की तरह आपको दुलारना पड़ेगा तो बड़े होने के नाते सास ससुर की यह जिम्मेवारी हो जाती है कि रिश्तो को सहेज के रखें और समय के हिसाब से अपने आप मे बदलाव भी करें

 

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