Inspirational वाणी पर संयम से जीवन की जीत

Inspirational वाणी पर संयम से जीवन की जीत

 

कहते है तलवार के घाव से गहरा वाणी का घाव होता है क्योंकि तलवार द्वारा दिए ज़ख़्म तो एक दिन भर जाएंगे पर वाणी द्वारा दिए गए ज़ख्म वो ता उम्र नहीं करते हैं इसलिए वाणी का इस्तेमाल बड़ा सोच समझकर करना चाहिए एक मनुष्य की वाणी ही है जिसकी वजह से मनुष्य दिल में उतर जाता है या दिल से उतर जाता हैजब भी हम बोलने लगे तो ऐसा बोले की सामने वाले के दिल को ठंडक पहुँचे हमसे ख़तरा नहीं लगे कि ये व्यक्ति अभी कुछ ग़लत ही बोलेगा, जब हम अपने बोलने पर संयम रखते हैं तो हम जो भी बोलते है वो सोच समझकर बोलते हैं जल्दबाज़ी में की बोला गया नहीं और देर से बोला गया हाँ दोनों ही ज़िंदगी में नुक़सान देते हैं

 

 

जब जब हमें अपनी शब्दों को साधना आ गया तब तो हम ज़िंदगी में जीत का सामना करेंगे क्योंकि हमने जो बोला है वो सूझ बूझ से बोला है जब हम शब्दों को सोच कर बोलते हैं तो हम किसी का दिल नहीं दुखाते कोई शब्द जाने अंजाने में ग़लत नहीं बोलते और कम बोलते हैं जिसकी वजह से हमारी उरजा कम ख़र्च होती है जब हमारी ऊर्जा कम खर्च होती है तो हमारे अंदर आस पास बड़ी पॉज़िटिव एनर्जी है वो संचित होने लगती है और हमारे मन और दिमाग़ पर हमारा नियंत्रण होना शुरू हो जाता है सिर्फ़ इसी एक संयम से हम अनजान व्यक्तियों को भी अपना दोस्त बनाने में सक्षम होते हैं और बड़े से बड़े व्यक्ति को भी हम अपने वाणी संयम से आराम से अपनी बात कह सकते हैं,आप कोशिश कर के दिन में एक घंटा बिलकुल मौन रहेंगे अपनी ज़बान से कोई शब्द नहीं बोले

 

जब आप अपनी ज़बान से कोई शब्द नहीं बोलेंगे तो धीरे धीरे आपका मन भी शांत होगा और वाणी संयम पाएंगी साथ ही साथ मौन को भी साधना आ जाएगा इस अभ्यास से आप धीरे धीरे देखेंगे कि आपके आस पास बड़ी पॉज़िटिव एनर्जी आनी शुरू हो गई है आपका मुख चमकने लगा है और लोगों से भी कम बोलने की वजह से आपके संबंध अच्छे होने लगे है वाणी सयमं से ज़िंदगी की बड़ी बड़ी जंग जीती जा सकती है

 

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