कार्तिक मास हिंदू धर्म का खास पर्व वाला महिना है, जो अपनी पवित्रता और आध्यात्मिक महत्व के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। यह महीना आश्विन मास के बाद और मार्गशीर्ष मास से पहले आता है। कार्तिक महीने को “दामोदर मास” भी कहा जाता है क्योंकि इस महीने में भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है।
धार्मिक महत्व
कार्तिक मास को हिंदू धर्म में सबसे पवित्र महीनों में से एक माना जाता है। शास्त्रों में इसे “मासोत्तम” यानी सभी महीनों में श्रेष्ठ बताया गया है। इस महीने में किए गए धार्मिक कार्य, व्रत, दान और पूजा का विशेष फल मिलता है।
तुलसी विवाह
कार्तिक महीने की एक प्रमुख परंपरा तुलसी विवाह है, जो देवउठनी एकादशी (कार्तिक शुक्ल एकादशी) को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और तुलसी देवी का विवाह संपन्न कराया जाता है। इस विवाह के बाद ही शादी-विवाह का शुभ मुहूर्त शुरू होता है।
देव दीपावली
कार्तिक पूर्णिमा को मनाई जाने वाली देव दीपावली का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन देवता पृथ्वी पर आकर गंगा स्नान करते हैं। काशी में देव दीपावली का आयोजन विश्व प्रसिद्ध है, जहां गंगा के घाटों पर लाखों दीपक जलाए जाते हैं।
व्रत और उपवास
कार्तिक मास में विभिन्न प्रकार के व्रत रखे जाते हैं:
पूर्णिमासी व्रत: पूरे महीने एक समय भोजन करने का व्रत किया जाता है।
नक्त व्रत: रात में एक बार भोजन करने का व्रत।
अयाचित व्रत: बिना मांगे जो मिले उसी से भोजन करना।
सोमवार व्रत: भगवान शिव की आराधना के लिए।
एकादशी व्रत: विशेष रूप से देवउठनी एकादशी का व्रत।
स्नान का महत्व
कार्तिक महीने में प्रातःकाल पवित्र नदियों, तालाबों या घर पर ही स्नान करने का विशेष महत्व है। ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना सर्वोत्तम माना जाता है। स्नान के समय तुलसी की पत्तियां या तुलसी का पौधा पास रखना शुभ माना जाता है।
गंगा स्नान का विशेष फल मिलता है, लेकिन यदि गंगा तट पर जाना संभव न हो तो स्नान के जल में गंगाजल की कुछ बूंदें मिलाकर स्नान किया जा सकता है।
दीपदान का महत्व
कार्तिक महीने में प्रतिदिन दीपदान करना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। संध्या के समय तुलसी के पौधे के पास, मंदिर में, घाट पर या पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से सुख-समृद्धि आती है। घी या तिल के तेल का दीपक जलाना सबसे उत्तम माना जाता है।
प्रमुख त्योहार
कार्तिक महीने में कई महत्वपूर्ण त्योहार आते हैं:
करवा चौथ: विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं।
धनतेरस: धन और समृद्धि के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
दीपावली: रोशनी का सबसे बड़ा पर्व, जो अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है।
गोवर्धन पूजा: भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की याद में।
भाई दूज: भाई-बहन के प्रेम का पर्व।
छठ पूजा: सूर्य देव की आराधना का प्रमुख पर्व।
तुलसी पूजन
कार्तिक महीने में प्रतिदिन तुलसी के पौधे की पूजा करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। तुलसी को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। प्रातः और संध्या दोनों समय तुलसी की परिक्रमा करके दीपक जलाना चाहिए।
दान का महत्व
कार्तिक मास में दान करने का विशेष महत्व है। इस महीने में अन्नदान, वस्त्रदान, गौदान और तिलदान विशेष रूप से लाभकारी माने जाते हैं। गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराना परम पुण्य का काम है।
आध्यात्मिक साधना
कार्तिक महीना आध्यात्मिक साधना के लिए सर्वोत्तम समय है। इस महीने में मंत्र जाप, ध्यान, और धार्मिक ग्रंथों का पाठ करने से विशेष फल मिलता है। भगवद्गीता, रामायण, या भागवत पुराण का पाठ करना अत्यंत लाभकारी होता है।
पर्यावरणीय महत्व
कार्तिक महीना प्रकृति के अनुकूल भी है। इस समय मौसम सुहावना होता है, न अधिक गर्मी और न अधिक सर्दी। तुलसी के पौधे की पूजा करने से पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी मिलता है। दीपक जलाने की परंपरा भी प्रकृति के साथ तालमेल बिठाने का एक तरीका है।
सामाजिक सद्भाव
इस महीने में मनाए जाने वाले विभिन्न त्योहार समाज में प्रेम, भाईचारा और सद्भाव बढ़ाते हैं। लोग एक-दूसरे के घर जाते हैं, मिठाइयां बांटते हैं और मिलकर उत्सव मनाते हैं। यह सामाजिक बंधनों को मजबूत करने का समय है।
निष्कर्ष
कार्तिक महीना केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह महीना हमें आत्म-शुद्धि, सेवा, दान और भक्ति का संदेश देता है। इस पवित्र महीने में किए गए छोटे-छोटे धार्मिक कार्य भी बड़ा फल देते हैं। यदि हम श्रद्धा और विश्वास के साथ इस महीने के व्रत, पूजन और धार्मिक अनुष्ठान करें, तो जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।