शिक्षाप्रद कहानी – जीवन की दौड़ जीवन के साथ

शिक्षाप्रद कहानी – जीवन की दौड़ जीवन के साथ

आप सभी को मेरा दिल से सादर प्रणाम, आप सभी मेरी सफलता हो जो मेरे साथ साथ हमेशा चलते हो, आपके बिना मैं कुछ नहीं, लाइफ में आगे बढ़ने के लिए आप सब ने मेरी हौंसला अफजाई की है उसके लिए बहुत बहुत  धन्यवाद, दोस्तों आज के इस ब्लॉग में कुछ खास शिक्षाप्रद कहानी – जीवन की दौड़ जीवन के साथ लेकर आयीं हूँ, जो आपको प्रेरित करेगी लाइफ में आगे बढ़कर कुछ करने की तो एक बार ये कहानी जरुर पढ़े ताकि आप इसका फायदा उठा और साथ ही साथ शेयर भी करे ताकि बाकी लोगों को भी इसका फायदा मिल सके 

ये जो कहानी है इस सार शुरू होता है कुछ साल पहले जब सीटल में एक ओलिंपिक गेम्स हुई थी, और अब वक़्त आ गया था शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर युवाओ की 100 मीटर की रेस के शानदार आयोजन का, वहा सभी प्रतिभागी बस गोली चलने की प्रतीक्षा कर रहे थे। फिर जैसे ही गोली चली सभी प्रतिभागी  जैसे ही प्रारंभिक रेखा से भागे और जीतने की प्रबल इच्छा को लेकर आगे बढ़ने  लगे। लेकिन एक छोटा लड़का लड़खड़ा कर शुरू में ही गिर गया और रोने लगा 
तभी बाकी आठ प्रतिभागियों ने उसके रोने की आवाज सुनी और उन आठों पीछे मुड़कर देखा । फिर वह आठों के आठों वापस लौटे और उस बालक के पास पहुंचे। एक बालिका जो “डाउन्स सिन्ड्रोम” नामक बीमारी से ग्रसित होने के कारण मानसिक एवं शारीरिक रूप से असामान्य थी, झुकी और उसने उस छोटे से बालक को प्यार से चूमा और बोली, ” अरे कोई बात नहीं , अब तुम बिल्कुल ठीक से दौड़ोगे ।”और इसके बाद जो भी हुआ। उसे देखकर स्टेडियम में बैठे सभी दर्शकों ने दांतों तले उंगली दबा ली।

 

डॉ रेनू अरोड़ा youtube

 

इसके बाद नौ के नौ प्रतिभागियों ने एक दूसरे के हाथ पकड़ कर एक साथ भागना शुरू किया और सबने एक साथ 100 मीटर की अन्तिम रेखा पार की।  इस दौड़ के समाप्त होने के पश्चात स्टेडियम में उपस्थित अपार जनसमूह खड़ा हो गया और सबने मिलकर काफी देर तक तालियाँ बजा कर इन शारीरिक एवं मानसिक रूप से असामान्य प्रतिभागियों का मनोबल बढ़ाया। जो लोग उस समय वहां उपस्थित थे वे आज तक अन्य लोगों को यह कहानी बडे गर्व से सुनते है 

क्यों ? क्योंकि मन ही मन वह जानते हैं की हमारे जीवन में स्वयं जीतने से अधिक महत्वपूर्ण है जीतने में अन्य लोगों की मदद करना, चाहे ऐसा करने
उन्हें अपनी गति कुछ कम ही करनी पड़े। चाहे ऐसा करने में उन्हें अपना
ही कुछ क्यों न बदलना पड़े। ” क्या दूसरी मोमबत्ती जलाने के बाद
मोमबत्ती की रौशनी धीमी पड़ जाती है ? “नहीं न” । क्या दूसरी मोमबत्ती देने से पहली मोमबत्ती ज्यादा तेजी से चमकने लगती है

 

Khud Ko Kamyab Kaise Banaye – कामयाबी के लिए टिप्स

 

Shivratri 2022 : महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

1 thought on “शिक्षाप्रद कहानी – जीवन की दौड़ जीवन के साथ”

Comments are closed.