परिवार को खुश रखने के पाँच तरीके
आज कल परिवारों में समय बीतने के साथ साथ तनाव भी बढ़ता चला जा रहा है, लोग ख़ुश नहीं रह पा रहे हैं, मानसिक स्थितियां किसी भी चीज़ को संभालने के लिए तैयार नहीं है, कोई किसी के साथ एडजस्ट नहीं करना चाहता हर कोई अपनी ही चलाना चाहता है, परिवार में हर कोई बॉस बना बैठा है और अपने ही नियम मनवाना चाहता है, हर कोई यही चाहता है की जो मैं मानता हूँ वो मुझे मिल जाए तो बस यही तो कारण है जिसकी वजह से परिवार में ना चाहते हुए भी तनाव उत्पन्न हो जाते हैं इन्ही बातों को ध्यान में रखकर मैं आज कुछ Tricks बताउंगी की आपको अपने परिवार को खुश कैसे रखना है, तो चलिए जानते है परिवार को खुश रखने के पाँच तरीके
1.परिवार में स्पेस देना सीखे
परिवार में चाहे कोई बच्चा है या कुछ बड़ा है हर कोई व्यक्ति यही चाहता है कि उसे अपनी बात रखने का मौक़ा दिया जाए स्पेस दिया जाए जब हम परिवार में अनावश्यक रूप से दूसरे की ज़िंदगी में घुसेंगे तो झगड़े बढ़ेंगे ही बढ़ेंगे उसमें चाहे पति हो चाहे पत्नी हो चाहे वो बच्चे हो कुछ देर का समय परिवार में ज़रूर निर्धारित करें कि सब लोग अलग से बैठकर अपने लिए वक़्त निकाल सके जिसमें उनको कोई तंग करे उसमें परिवार का मुखिया भी आता
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2. परिवार में तीखी नोकझोंक या टीका टिप्पणी से बचे
कभी भी घर में बातचीत को उग्र न होने दे कभी कभी बहस इस क़दर भयानक रूप धारण कर लेती है कि कब अब किसे जुबान के ज़रिये एक दूसरे के दिल को छलनी कर देती है और आपको पता भी नहीं लगता तो कोशिश करें कि आप कभी भी परिवार में किसी के ऊपर कोई भी ताना किसी के रूप रंग को किसी के परिवार को किसी की कमियों को लेकर ना करे या अगर आपका बच्चा किसी चीज़ में अच्छा नहीं तो उस पर भी तीखी टिप्पणी करने से बचे
3 बाहरी व्यक्तियों की वजह से घर में कलेश ना करे
कई बार क्या होता है हम अपने घर में आकर किसी दूसरे परिवार की डिस्कशन करते हैं कि उसके परिवार में आज इस मुद्दे पर बहस हुई या कौन ठीक है कौन ग़लत है उन सबको परिवारों को डिस्कशन करते करते हम अपने परिवार के सदस्यों पर भी आरोप लगाना या टीका टिप्पणी करनी शुरू कर देते हैं तो किसी तीसरे के परिवार को लेकर किसी तीसरे व्यक्ति की कही हुई बात को लेकर अपने घर में झगड़ा करने से बचे, दूसरे परिवार का झगड़ा तो सुलझ जाएगा और आप अपने परिवार में एक नया झगड़ा शुरू कर लेंगे और फिर उसमें ये भी हो जाएगा कि आप किसको पसंद कर रहे हैं किस को नापसंद कर रहे हैं |
4 अनुशासित बने
कई बार क्या होता है दोनों में से कोई एक व्यक्ति बहुत अनुशासित होता है यार कभी कभी दोनों ही नहीं होते या फिर दोनों होते हैं और परिवार का कोई और सदस्य बहुत अनुशासित होता है तो इसकी वजह से भी कई बार झगड़े बहुत ज़्यादा होते हैं तो हमें करना क्या है की कुछ चीज़ों में हम अपने आप को परिवर्तित कर ले और कुछ सामने वाले को राज़ी कर रहे कि वो भी परिवर्तित हो जाएं अनुशासित रहना एक बहुत अच्छी आदत है पर ज़रूरत से ज़्यादा अनुशासन भी कई बार ज़िंदगी में ग़लत हो सकता है जो हर एक को नहीं पसंद आ सकता तो अगर आप अनुशासित हैं तो दूसरे को आप एक सीमा तक ही अनुशासित होने के लिए बाध्य कर सकते हैं तो कभी भी ऐसी स्थिति न आने देना अनुशासन की वजह से घर में ही झगड़े हो
5. धार्मिक मान्यताओ, परम्पराओ की वजह से घर में झगड़ा करने से बचे
कई बार क्या होता है की या तो पत्नी बहुत धार्मिक है या पति बहुत धार्मिक है तो दोनों ही अपनी अपनी धार्मिक परंपराओं क्या मान्यताओं को लेकर आपस में बहस करते रहते हैं ये कार्य करना चाहिए या नहीं करना चाहिए तो उसकी वजह से भी कई बार परिवार में झगड़े हो जाते हैं उसके लिए हमें बैठकर उन सब मान्यताओँ और परंपराओं पर ही बात कर लेनी चाहिए कि कौन सी चीज़ हमारी परिवारिक चली आ रही है जिसको हमें पालन करना ही करना है और कौन सी ऐसी चीज़ है जिसको छोड़कर चल सकता है ताकि हम झगड़े से बचे और ये भी मानना पड़ेगा आपको कि अगर कोई चीज़ दिल से ना की जाए तो वो चीज़ सफल नहीं होती इसलिए इन चीज़ों के पीछे भी झगड़ा करने से बचे
आप ये पांचों तरीक़े अपने परिवार में ज़रूर अप्लाई करें और फिर देखिए कैसे आप के परिवार की ख़ुशियों में उससे फ़र्क पड़ता है