वक़्त है स्वयं का सवअवलोकन करने का

वक़्त है स्वयं का सवअवलोकन करने का

 

 

इस वक़्त हम महामारी के चलते हम सभी घर पर हैं जैसे ही लॉकडाउन खुलेगा चीज़ो के जो बिल है वो हमारे इकट्ठे हो जाएंगे जैसे हमने अपनी की किश्त के लिए आगे देने की बात कर ली या बिजली का बिल या फ़ोन का बिल इकट्ठा कर लिया जिनमें से कुछ बातों का बिल जो है हमें चुकाना ही पड़ेगा

यह महामारी कुछ ऐसी नहीं है कि हम सुबह उठेंगे और ये ग़ायब हो जाएगी अभी तो ये आपदा आयी है जाते जाते कितनी पीड़ा देकर जाएगी हम क्या करेंगे और सरकारें क्या करेगी उससे ये निश्चित होगा कि हम कहाँ खड़े थे इस समय के दौरान लोगों के व्यक्तित्व में परिवर्तन नज़र आएंगे एक तो वो होंगे जिन्हें अपने व्यक्तित्व से पीड़ा होगी और दूसरे वो होंगे जिन्हें दूसरों के दुख से तक़लीफ़ होगी कुछ ऐसे होंगे जिन्हें दूसरों के दुख से मज़ा आता होगा

इस दौरान उन्होंने पता नहीं क्या क्या किया होगा अपने घर में कोई हल्ला मचाया होगा कितना घर में तंग किया होगा और अपने ऊपर कितना मानसिक तनाव झेलना होगा परिवार को कितनी पीड़ा पहुँचाई होगी तो हमें इन सब चीज़ों से एक ना एक दिन बाहर तो आना ही है तो हमें एक ऐसे व्यक्तित्व के रूप में बाहर आना है कि लोग जब हम से मिले तो उन्हें लगे कि हमें जब घर के अंदर रहें तो
हमने अपने ऊपर कितना काम किया यह कितना अपने आपको समझा कितना दुनिया को समझा अगर हम आने वाले वक़्त के लिए अपने आप को तैयार नहीं कर पाएंगे तो निश्चय ही हमारा मन अशांत रहेगा जिसके लिए हम ख़ुद ही ज़िम्मेवार होंगे और जितना हम अपने आपको अच्छे से सुधार लेंगे अपने साथ बात करके कहां हमारी ग़लतियाँ रही भूतकाल में और कहाँ कहाँ हमें काम करने की ज़रूरत है

 

उतना ही हमारा जो आत्म विश्वास में और सुधार आएगा और यही आत्मविश्वास काम भी आएगा जो हमें हर मुद्दे पर हमें लड़ने की प्रेरणा भी देगा क्योंकि जब ख़ुद पर आ जाती है तो उठना तो ख़ुद ही पड़ेगा तो कोई और आपके लिए काम करने नहीं आएगा उतनी नहीं आएगा और हर हाल में आपको नैतिकता का पालन भी करना पड़ेगा नहीं करेंगे तो एक आपदा से तो हम गुज़र रहे हैं दूसरी हम ख़ुद ही तैयार कर लेंगे

तो कोई न कोई शक्ति ऐसी ज़रूर हमारी ज़िंदगी में रहती है जो हमें खड़ा करने में हमारी मदद करेगी परिवार के साथ रहे ये परिवार के साथ रहते हुए अपनी शक्ति तो जगाए साथ ही परिवार में भी वो शक्ति जागृत करने की वो आंतरिक ऊर्जा जागृत करने की कोशिश करें

और अपने ऊपर तो काम करना ही करना है परिवार के ऊपर भी काम कीजिए जो चीज़ें हम आज तक नहीं सुधार पाई हमें उस परमपिता परमात्मा ने आज वक़्त दिया है हम इन सब चीज़ों में सुधार पाए

अपने एक नए रूप का अवलोकन करिए हम कहाँ अपने आपको देखना चाहते थे जहाँ कमियां रह गई जब हमारे पास समय का अभाव था आज लॉकडाउन के चलते हमारे पास समय भरपूर है अपने ऊपर काम करने का अपने शरीर के ऊपर काम करने का अपने मन के ऊपर काम करने का अपनी आत्मा के ऊपर काम करने का अपने परिवार के ऊपर काम करने का तो इस समय को यूँ ही व्यर्थ मत जाने दीजिए आपको बोहोत अच्छा समय मिला है हम इन सब चीज़ों पे काम कर पाए चिड़चिड़ापन भी आ रहा होगा और तो और भी बड़ी सारी चीज़ें मन में उठ रही होंगी क्या होगा कैसे होगा तुझे सब ऊपर वाले के ऊपर छोड़ छोड़ दीजिए कि क्या होगा वो है अगर हम कुछ ठान लेंगे तो ज़रूर हमारी मदद भी करेगा और हम इस सब बुरी परिस्थितियों से बाहर निकलेंगे और जब हम इन सब बुरी परिस्थितियों से बाहर निकले तो एक ऐसा इंसान बन के निकले की लोग हमें देखते ही कह उठे हैं वाह मज़ा आ गया इस इंसान को देखते इस समय का आनंद लीजिए और स्वअवलोकन करके अपने आप को बदलिए क्योंकि आपसे ज़्यादा आपको कोई नहीं जानता

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