लॉक डाउन के बाद

लॉक डाउन के बाद बच्चे मिलेंगे नए रूप में बच्चे इस लॉकडाउन के बाद एक नए रूप में बाहर आएंगे तो चिंता न करें कि यदि वो घर रह कर पढ़ाई कर रहे हैं बहुत से लोग इस वजह से अपने बच्चों की पढ़ाई के बारे में चिंतित हैं कि क्या होगा कैसे होगा हमारे बच्चे नपीछे तो नहीं रह जाएँगे पर मैं इसको एक अलग रूप में देखती हूँ कि लॉकडाउन के बाद बच्चे एक नए रूप में बाहर आएंगे

इस समय बच्चे पारिवारिक संबंधों का आनंद ले रहे हैं वो अधिक रचनात्मक बन जाएंगे ख़ुद का मनोरंजन करने में सक्षम हो जाएंगे उन्हें अगर पढ़ाई पसंद है तो वो लिखने में अच्छे हो जाएंगे वे साधारण चीज़ों का आनंद लेंगे कई बार छत पर सैर का आनंद लेंगे कई बार शान्ति से खिड़की पर बैठकर पक्षियों का कलरव सुनेंगे.

कई बार वो घर में लगाएं पेड़ पौधों से बातें करेंगे रंगों का अनुभव करेंगे तितलियों को देखेंगे इन पक्षियों की चहचहाट सुनेंगे
उनके रंगों को अनुभव करेंगे प्रकृति के साथ जुड़ेंगे और अपने आप में एक नया पन पाएंगे
और घर पर रह कर नए नए तरह के खाने बनाना सीखेंगे अपने कमरे को व्यवस्थित करना सीखेंगे माँ बाप किस तरह से सारा दिन काम करते हैं उसको सीखेंगे कम वस्तुओं मेंअपने घर को चलाना सीखेंगे वो एडजस्ट करना ज़िंदगी में सीखेंगे बिना ख़रीदारी बिना यात्रा की ज़िंदगी कैसे चलानी है उन चीज़ को सीखेंगे कम चीज़ें हैं तो कैसे गुज़ारा कर सकते हैं उसको सीखेंगे


परिवार के मूल्यों को सीखेंगे संस्कारों को सीखेंगे परिवार कहाँ से किन जड़ों से जुड़ा है वो चीज़ें सीखेंगे जो चीज़ें उनके साथ बैठकर बड़ी देर से करना चाह रहे थे हम उनके साथ वक़्त बिताने का समय मिलेगा

उन्हें पता लगेगा कि जब वो सीखेंगे की छोटे से छोटा व्यक्ति चाहे वो हमारा नौकर है चाहे वो हमारा ड्राइवर हैं कूड़े वाला है हमारी ज़िंदगी में क्या अहमियत रखता है वे एक परिवार के रूप में एक साथ खाने का मूल्य सीखते हैं और रोज़मर्रा की छोटी-छोटी प्रसन्नताओं में साझा करना अच्छा समझते हैं

वे हमारे शिक्षकों और शैक्षिक पेशेवरों, पुस्तकालयाध्यक्षों, लोक सेवकों और ट्रक ड्राइवरों, ग्रॉसर्स, कैशियर, कस्टोडियन, लॉजिस्टिक्स और स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों और उनके सहायक कर्मचारियों, जैसे पहले से सहायक श्रमिकों के सहयोग को महसूस करेंगे वो लोग अपने घरों में रहकर भी हम सबकी कैसे सहायता कर रहे हैं

वे एक परिवार के रूप में एक साथ खाने का मूल्य सीखते हैं और रोज़मर्रा की छोटी-छोटी प्रसन्नताओं में साझा करना अच्छा समझते हैं वे हमारे शिक्षकों और शैक्षिक पेशेवरों, पुस्तकालयाध्यक्षों, लोक सेवकों और ट्रक ड्राइवरों, ग्रॉसर्स, कैशियर, कस्टोडियन, लॉजिस्टिक्स और स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों और उनके सहायक कर्मचारियों, जैसे पहले से सहायक श्रमिकों के सहयोग को महसूस करेंगे वो लोग अपने घरों में रहकर भी हम सबकी कैसे सहायता कर रहे हैं

इन बच्चों को ज़िंदगी बिना भागदौड़ के भी जीनी आएगी क्योंकि उन्हें इस लॉकडाउन मेंधीमी गति और एक सरल जीवन का लाभ मिला है जो वास्तव में इस जीवन में क्या मायने रखता है ज़िंदगी उन्हें न सिखा सकते हैं इसलिए परेशान न हो ये आपकी बच्चे निश्चित रूप से एक नए रूप में आपको इस लॉकडाउन के बाद मिलेंगे