अपने आपको सकारात्मक रखने के पाँच तरीक़े
इन दिनों हमारी हँसी गुम है सकारात्मकता ग़ायब हैं क्योंकि हम अपने भविष्य को लेकर बहुत चिंतित हैं कि पता नहीं क्या होगा इन सभी नकारात्मक परिस्थितियों में अपने आपको सकारात्मक कैसे रखा जाए, मेरे ये पाँच टिप्स अपनाएं ये आपको ज़रूर सहायता करेंगे
अपने अंदर उठते नकारात्मक विचारों को नियंत्रित करें
हमारा दिमाग़ सूचनाओं का पुलिंदा है कि हमारे विचारों से ही नियंत्रित होता है संकट की घड़ी को हमारा दिमाग़ उस नज़रिए से देखता है जैसे उसका विचार चलते होते हैं नकारात्मक विचार नकारात्मक पैदा करते हैं इसलिए हमें कम से कम सोचना है और अगर सोचना है ये सोचना है कि हमें ज़िंदगी में अब तक क्या अच्छा मिला
सकारात्मक सोचने का अभ्यास करें
इस समय आप ईश्वर को धन्यवाद कीजिए कि आप किसी बीमारी से ग्रसित नहीं है और आप सबसे बड़ा धन्यवाद इसका दें कि आप सुरक्षित हैं और जीवित हैं सकारात्मक विचारों का अभ्यास करना शुरू करेंगे तो ज़रूर बदलाव होंगे बजाए इसके सोचने की हमें क्या नहीं मिला की जगह ये सोचे कि हमें हमारी ज़िंदगी में क्या कुछ है जो बहुत अच्छा मिला और अभी तक हमारे साथ अच्छा चला आ रहा है
अपनी दिनचर्या बनाए
चाहे इस समय हम घर से बाहर नहीं जा सकते हैं फिर भी कुछ समय सूरज की रोशनी में बैठे हैं प्रकाश और अँधेरी के चक्र को समझने का काम करे,सुबह जागने का समय फिक्स करें हमारे शरीर के अंदर भी एक घड़ी है जो हमारे बॉडी क्लॉक नियंत्रित करती है,यही आपके ब्रेन के सिस्टम के तालमेल से आपकी सेहत को बेहतर बनाने में मदद रखेगी दिनचर्या का पालन नहीं करेंगे हम अवसाद से घिर जाएंगे
ख़बरों को चुनिए
TV पर न्यूज़ देखना कम से कम करे अख़बार मे देखिंए शुरू कीजिए कि आप क्या पढ़ना चाहते है जितनी आप नकारात्मक ख़बरें दिन भर में देखेंगे वो आपके दिल में इतना डर और नकारात्मकता का माहौल पैदा करेंगी इसलिए खबरो को चुनना शुरू कीजिए या अख़बार और TV में सकारात्मक चैनल को देखना शुरू कीजिये सिर्फ़ एक नियमित समय सीमा के अंदर ही ख़बरों का चैनल देखें
अपनी रचनात्मकता को पहचानिए और उसे समय दीजिए
Thank you for this one….