Navratri Ashtami के दिन करे माँ महागौरी की पूजा अर्चना

जय माता दी, जय कारा शेरांवाली माँ का, बोल साचे दरबार की जय, दोस्तों जैसे की आप जानते है माता के इन पावन नवरात्रों के पर्व में 7 दिन नवरात्रे के हो चुके है, हर कोई इन चैत्र नवरात्रों में सच्चे मन और श्रद्धा भाव से माँ की पूजा अर्चना करते है, जिसके फलस्वरूप माँ उन्हें उनके जीवन में खुशियों की बहार ला देती है, माता रानी का आशीर्वाद जिस भी भक्त को मिल जाता तो समझो उसका बेड़ा पार हो जाता है, जैसा की आप सब जानते है की इन पावन नवरात्रों में दुर्गाष्टमी का भी खास महत्व है तो चलिए जानते है कैसे Navratri Ashtami के दिन करे माँ महागौरी की पूजा अर्चना

नवरात्री के आठवे दिन महागौरी की पूजा की विस्तृत जानकारी इस प्रकार है:

महागौरी की पूजा नवरात्री के आठवे दिन की जाती है। महागौरी दुर्गा देवी का एक रूप हैं, जो शक्ति और सृष्टि का प्रतीक हैं।

पूजा विधि:

1. सुबह स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें।
2. महागौरी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें और उसके सामने पूजा स्थान तैयार करें।
3. गणेश पूजन करके दुर्गा मंत्र का जाप करें।
4. महागौरी को अर्घ्य, फूल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
5. महागौरी स्तोत्र का पाठ करें। इस दिन मां की विशेष विधि से पूजा की जाती है।
6. महागौरी के अलावा दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती की भी पूजा की जाती है।
7. मंत्र जाप के साथ-साथ नीलोत्पल, चंदन, कुमकुम, अक्षत और फूलों से पूजा की जाती है।
8. पूजा के अंत में आरती उतारकर पूजा समाप्त की जाती है।

महागौरी पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन देवी की शक्ति और सौंदर्य का विशेष पूजन किया जाता है। यह पूजा करके व्यक्ति को सृष्टि और प्रकृति से जुड़ने का अवसर मिलता है।

नवरात्री के आठवें दिन को अष्टमी कहा जाता है। अष्टमी का विशेष महत्व है और इस दिन की पूजा-अर्चना का भी अपना खास महत्व है। इस संबंध में विस्तृत जानकारी इस प्रकार है:

अष्टमी का महत्व:

  • अष्टमी का अर्थ है ‘आठवां दिन’। यह नवरात्री के आठवें दिन को कहा जाता है।
  • इस दिन देवी दुर्गा के अवतार माता महागौरी का विशेष पूजन किया जाता है।
  • अष्टमी को ‘महागौरी व्रत’ के नाम से भी जाना जाता है। यह देवी की शक्ति और सौंदर्य का प्रतीक है।
  • इस दिन व्रत रखकर देवी का आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है।

नवरात्री के आठवे दिन लोग सुबह उठकर, स्नानं पूजा पाठ के बाद घर में नौ देवियों को बुलाते है जिन्हें हम कंजक भी कहते है, इन छोटी छोटी कन्याओं जो की खुद माँ दुर्गा का ही रूप होती है, उन्हें घर बुलाकार उनकी पूजा अर्चना की जाती है, पूरी और हलवे का प्रसाद भी दिया जाता है, ताकि माता रानी के इन नौ रूपों का आशीर्वाद हमारी लाइफ में बना रहे, तो आप सब को भी दुर्गा अष्टमी की हार्दिक शुभकामनाये