Raksha bandhan 2020 दूरियों को नजदीक लाने का त्यौहार

Raksha bandhan 2020 दूरियों को नजदीक लाने का त्यौहार

 

महामारी अपनी चरम सीमा पर है और इस महामारी ने हमारे हर रिश्ते पर बहुत गहरा असर डाला है सभी किसी न किसी रूप में प्रभावित हैं चाहे वह पति पत्नी हो चाहे वह पड़ोसी के साथ रिश्ते हो चाहे वह दफ्तर के रिश्ते हो या भाई बहन के रिश्ते हो और बड़ी गहराई से रिश्तों पर असर पड़ा है क्योंकि हमने सामाजिक दूरी रखने के साथ-साथ मानसिक दूरी भी बना ली है

 

 

 

पर कुछ रिश्तो में सुख  भी है कि रोज ना मिल पाने की वजह से रोज फोन पर बातचीत होनी शुरू हो गई रोज की दिनचर्या एक दूसरे से बाटनी शुरू हो गई राखी का त्यौहार आने वाला है भाई बहन तो हमेशा से ही स्नेह के धागों से जुड़े थे जुड़े हैं और जुड़े रहेंगे पर इस महामारी में कुछ नया जुड़ गया है आपको दो कहानियों के माध्यम से समझाती हूँ
मेरे अपने ही घर की कहानी है एक बच्चा हॉस्टल में पढ़ता है एक बच्चा घर में रहता है जब तक लॉकडाउन नहीं हुआ था हॉस्टल वाला बच्चा घर में मिलने नहीं आ पा रहा था तो घर में रहने वाले भाई को परेशानी हो रही थी बहन कब आएगी कब उससे मिलूंगा तब उससे बात करूंगा तब उससे लड़ने को मिलेगा और अब जब बहन पिछले 4 महीने से घर पर है तो रोज झगड़ा होता है और बोला जाता है तो कब जाएगी पर इन चार महीनों में आपस में एक दूसरे को समझने का वक़्त मिला तारतम्य 
बिठाने को मिला कि हमें कम जगह में रहते हुए भी इस तरह से एडजस्टमेंट करनी है कैसे अपने अपने अपने-अपने प्रेशर्स पर काबू पाना है कैसे मिलकर मस्ती करनी है कैसे मां-बाप से एक दूसरे की डांट को बचाना है शुरू शुरू में लड़ाई झगड़े कुए पर अब क्योंकि जिंदगी में ऐसे दोस्त निकल गए उनसे मिलने नहीं जा पा रहे हैं उनसे खेलने नहीं जा पा रहे तो भाई बहन ने एक दूसरे को अच्छा वक्त दे रहे हैं अच्छा सामाजसय आपस में बैठा रहे हैं एक दूसरे की चीजों को समझ पा रहे हैं इस बार जो लोग काफी समय के बाद राखी पर इकट्ठे हो रहे हैं उनके लिए यह राखी का त्यौहार एक अद्भुत त्यौहार बनने वाला है
जो बहने हॉस्टल में रह रही थी घर में लॉक डाउन की वजह से आना पड़ा तो भाइयों को समझ में आया कि घर में माता-पिता ने कितनी पाबंदियां लगा रखी है अब जो लड़कियां ऑफिस में काम करती हैं उनकी महत्वकांक्षी भी अलग होती हैं भाइयों ने भी जिम्मेदारी संभाली और मां-बाप के साथ बात करें कि अगर लॉकडाउन में घर पर है तो उसको अपनी जिंदगी जीने दे इस राखी पर हो सकता है कि बहने भाइयों के घर ना जा पाए लेकिन मजबूत बंधन हर तरफ दिखाई देगा जो साथ हैं उनके लिए त्यौहार एक अलग तरह का होगा
भाई बहन घर में रहते हुए एक दूसरे के मार्गदर्शक बन रहे हैं क्योंकि पहले समय के अभाव की वजह से आपस में बातचीत नहीं हो पाती थी एक दूसरे के साथ अपने प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस शेयर करने का वक्त नहीं था अब लॉक डाउन की वजह से घर में रह रहे हैं तो यह दूरियां जो है नज़दीकियों में बदल चुकी हैं और भाई बहन भाई बहन नहीं दोस्त के रूप में परिवर्तित हो चुके हैं
मुश्किल पूरी दुनिया पर आई है सब इसकी चर्चा भी कर रहे हैं एक दूसरे की सेहत की कामना भी कर रहे हैं बातें भी ज्यादा हो रही है एक दूसरे के सुख दुख भी बांटे जा रहे हैं हिदायतें भी एक दूसरे को बेहिसाब दी जा रही हैं और इस बार राखी के त्यौहार पर कई भाई-बहन आपस में मिल भी नहीं पाएंगे उसका दुख भी कहीं कम नहीं होगा पर टेक्नोलॉजी बढ़ चुकी है वीडियो चैट का सहारा लेकर भाई की कलाई पर राखी बांधी जा सकती है
बहने भाइयों में बाजारों मैं अपने भाई भाभी के लिए राखियां खरीद ती नजर आ रही हैं और वक्त से पहले की जा नहीं पाएंगे पर कुरियर के रास्ते भाई भाभी को राखी जरूर पहुंच जाए और मन में अफसोस भी है कि इस बार राखी बांधने नहीं जा पाएंगे चाहे कितनी ही आपस में लड़ाई झगड़े हो पर राखी का जो मजा है वह अपना है इसमें प्यार भी है मोहब्बत भी है लड़ाई भी है झगड़ा भी है हिदायत भी है जिम्मेवारी भी है रक्षा का वचन भी है बहन का प्यार भी है भाई का दुलार भी है यह राखी का त्यौहार ऐसे ही अनोखा हर भाई-बहन की जिंदगी में आता रहे और सब भाई बहन की जिंदगी में खुशियां बिखेरते रहे
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