1) कबीर बादल प्रेम का,हम पर बरसाए अंतर भीगी आत्मा हरि भई बनराई

2) मन के हारे हार है,मन के जीते जीत है। कहे कबीर गुरु पाइये,मन ही के प्रतीत।

3) बुरा वंश कबीर का उपजा पूत कमाल हरि का सिमरन छोड़ कर घर ले आया माल

4) कबीरा खड़ा बाज़ार में, मांगे सबकी खैर, ना काहू से दोस्ती,न काहू से बैर।

5) कबीर हमारा कोई नहीं हम काहू के नाहिं पारै पहुंचे नाव ज्यौं मिलिके बिछुरी जाहिं

6) पढ़े गुनै सीखै सुनै मिटी न संसै सूल। कहै कबीर कासों कहूं ये ही दुःख का मूल ॥

7) कबीर तन पंछी भया, जहां मन तहां उडी जाइ। जो जैसी संगती कर, सो तैसा ही फल पाइ।

8) कबीर सो धन संचे, जो आगे को होय। सीस चढ़ाए पोटली, ले जात न देख्यो कोय

9) माया मुई न मन मुआ, मरी मरी गया सरीर। आसा त्रिसना न मुई, यों कही गए कबीर ।

10) कबीर सुता क्या करे, जागी न जपे मुरारी । एक दिन तू भी सोवेगा, लम्बे पाँव पसारी